तुझे इजाज़त है । ❤️💔
तेरी राह तकती रहती है, मदहोश बनी यह फिरती है, कभी निंद से जगा जाती है कभी खुल कर लाम्हो को सिंचती है । तुझे मिलने से पहले मेरी निगाहें, न जाने कितनो में तुझे देख लेती हैं।। हां अनदेखा मगर मुझें करने की, तुझे इजाज़त है ।।१।। तेरे हर अल्फ़ाज़ समजते है उनकी नज़्म अक्सर यह बुनते है... बुराईयां हो, तारीफें हो या तेरी, तेरे हर अफसाने को दिल पर ये लेते है , बातें क्या चीज़ है तेरी ; मेरे कान , तेरी खामोशियों को भी सुनते है।। हां अनसुना मगर मुझे करने की, तुझे इजाज़त है।।2।। तेरी तारीफें सुनाती है, तेरे गीत हर पल गाती है, इठलाकर तेरा नाम लेते हि ; इतराकर फिसल भी जाती है।। कभी चुपचाप रहकर मेरी ज़ुबान, तुझे कितना कुछ कह जाती है ।। हां अनजान मगर बन जाने की तुझे इजाज़त है ।।3।। तेरे इंतज़ार में सैर ये करते है, कुछ दूर तक ये चलते है , मेरे खयालों से आगे बढ़कर कभी ; तेरी ओर क्यों अक्सर मुड़ते है कई रास्तों से हो कर भी मेरे पैर सिर्फ तेरी मंज़िल के मोहताज होते है।। हां गुमशुदा मगर हो जाने की, तुझे इजाज़त है ।।४।। महकते है चहकते है , लहरों के भांति ये उछलते है तुझे खोने के डर से जज़्बात मेरे बेहेकत